ब्रिटिश साप्ताहिक वैज्ञानिक पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिगमन अनुमानों के आधार पर, बड़े पैमाने पर शौचालयों के प्रावधान से प्रतिवर्ष लगभग 60,000 से 70,000 शिशु मृत्यु को टालने में मदद मिली है।
एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार हुआ है स्वच्छता के लिए एक “खेल परिवर्तक” बन गया है सार्वजनिक स्वास्थ्य भारत में। मोदी ने पोस्ट किया, “स्वच्छ भारत मिशन जैसे प्रयासों के प्रभाव को उजागर करने वाले शोध को देखकर खुशी हुई। उचित शौचालयों तक पहुंच शिशु और बाल मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।” उन्होंने कहा कि स्वच्छ, सुरक्षित स्वच्छता सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा बदलाव बन गई है और भारत ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई है।
स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 15 सितंबर से शुरू होने वाले 45 दिवसीय विशाल अभियान से कुछ दिन पहले आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में मिशन के कार्यान्वयन के बाद पूरे भारत में शौचालय निर्माण में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। एसबीएम के बाद की अवधि में एसबीएम से पहले के वर्षों की तुलना में शिशु और बाल मृत्यु दर में तेजी से कमी देखी गई। इस मिशन को खुले में शौच को खत्म करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करने के लिए शुरू किया गया था।