सिंगापुर पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का भारतीय प्रवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। हवाई अड्डे पर पारंपरिक महाराष्ट्रीयन नृत्य और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया गया। 2018 के बाद से यह मोदी की पहली सिंगापुर यात्रा है।
“सिंगापुर पहुंच गया हूं। विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न बैठकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं।” भारत-सिंगापुर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्सक्लूसिव पर कहा, “यह दोस्ती का दिन है।”
जब वे होटल पहुंचे तो भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका एक बार फिर गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने उनके साथ बातचीत की, पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन देखा और ढोल भी बजाया।
लाइव: सिंगापुर में भारतीय समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने प्रतिष्ठित श्री टेमासेक बंगले में प्रधानमंत्री मोदी के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया।
यह यात्रा भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के तुरंत बाद हुई, जो 26 अगस्त को हुआ था और जिसमें भारत के चार केंद्रीय मंत्री और सिंगापुर के छह मंत्री शामिल हुए थे। गोलमेज सम्मेलन में डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य, उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी सहित सहयोग के कई क्षेत्रों की पहचान की गई।
अनेक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
भारत और सिंगापुर ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्वीप राष्ट्र की यात्रा के दूसरे दिन चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। सिंगापुर के संसद भवन में प्रधानमंत्री मोदी और उनके सिंगापुरी समकक्ष लॉरेंस वोंग की मौजूदगी में विदेश मंत्री एस जयशंकर और सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
लाइव: प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री वांग यी के बीच सहमति पत्रों और समझौतों का आदान-प्रदान हुआ
सिंगापुर के डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्रालय और भारत के डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्रालय के बीच पहला समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयको बढ़ाने का लक्ष्य सहयोग डिजिटल प्रौद्योगिकियों जैसे कि डीपीआई (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर), साइबर-सिक्योरिटी, 5जी, तथा सुपर-कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह डिजिटल डोमेन में श्रमिकों के कौशल विकास और पुनर्कौशल विकास की सुविधा भी प्रदान करता है।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सिंगापुर के व्यापार और उद्योग मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित दूसरा समझौता ज्ञापन भारत-सिंगापुर के बीच व्यापार और निवेश के लिए साझेदारी स्थापित करता है। अर्धचालक दोनों देश सेमीकंडक्टर क्लस्टर विकास और सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण में प्रतिभाओं को बढ़ावा देने पर सहयोग करेंगे। यह समझौता ज्ञापन सिंगापुर की कंपनियों द्वारा भारत में निवेश की सुविधा प्रदान करेगा, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखलाओं का हिस्सा हैं।
भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित तीसरा समझौता ज्ञापन स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य अनुसंधान और नवाचार में संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देना है, साथ ही स्वास्थ्य सेवा और दवा क्षेत्र में मानव संसाधन विकास में घनिष्ठ सहयोग करना है। यह समझौता सिंगापुर में भारतीय स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी समर्थन करेगा।
भारत के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय तथा सिंगापुर के शिक्षा मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित अंतिम समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षिक सहयोग तथा कौशल विकास को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के क्षेत्रों में। यह समझौता कौशल विकास के क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच चल रही पहलों का पूरक होगा।
द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के साथ बातचीत की, जिसके दौरान भारत और सिंगापुर ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक बढ़ाया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “द्विपक्षीय संबंधों की व्यापकता और गहराई तथा अपार संभावनाओं को देखते हुए, उन्होंने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया। इससे भारत की एक्ट ईस्ट नीति को भी बढ़ावा मिलेगा। आर्थिक संबंधों में मजबूत प्रगति का जायजा लेते हुए नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश प्रवाह को और बढ़ाने का आह्वान किया।”
दोनों नेताओं के बीच वार्ता में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की आगामी 60वीं वर्षगांठ पर चर्चा हुई, जिसे 2025 में मनाया जाएगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों में सांस्कृतिक बंधनों के महत्व पर प्रकाश डाला और सिंगापुर में भारत के प्रथम तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की योजना की घोषणा की।
अर्थव्यवस्था पर ध्यान
नेताओं ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में पर्याप्त वृद्धि को स्वीकार किया तथा व्यापार और निवेश आदान-प्रदान को और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, “प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 160 अरब डॉलर के निवेश के साथ सिंगापुर भारत का एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है।” प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत के लगातार और तेजी से हो रहे आर्थिक विकास ने सिंगापुर की कंपनियों के लिए निवेश की अपार संभावनाएं पैदा की हैं।
नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र जागरूकता, शिक्षा, एआई, फिनटेक, उभरती हुई प्रौद्योगिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, तथा ज्ञान साझेदारी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की वर्तमान स्थिति का भी आकलन किया। विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है, “दोनों नेताओं ने आर्थिक और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए देशों के बीच संपर्क को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने ग्रीन कॉरिडोर परियोजनाओं में तेजी लाने का भी आह्वान किया।”