उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक के लिए पोलैंड के लुकास सिसजेक को 6-0 से हराया। उनकी जीत से देश को बहुत गर्व हुआ है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीरंदाज को उनकी अभूतपूर्व सफलता के लिए हार्दिक बधाई दी।
“एक बहुत ही खास स्वर्ण पैरा तीरंदाजीपीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा, “#पैरालिंपिक2024 में पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के लिए हरविंदर सिंह को बधाई!”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, “उनकी सटीकता, फोकस और अटूट भावना शानदार है। भारत उनकी उपलब्धि से बहुत खुश है।”
हरविंदर ने पूरे फ़ाइनल में एक अडिग और शानदार प्रदर्शन दिखाया, पहले सेट में 28-24 के स्कोर के साथ जीत हासिल की। 2-0 से आगे चल रहे हरविंदर ने दूसरे सेट की शुरुआत लगातार दो नौ और फिर एक परफेक्ट 10 के साथ की, जिससे कुल 28 अंक हो गए। दूसरी ओर, सिसज़ेक ने तीन 9 अंक बनाए, जिसके परिणामस्वरूप एक और करीबी हार हुई।
हरियाणा के कैथल जिले में स्थित अजीत नगर गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर की जिंदगी ने महज डेढ़ साल की उम्र में अप्रत्याशित मोड़ ले लिया। डेंगू होने के बाद उन्हें इंजेक्शन की जरूरत पड़ी। दुखद बात यह है कि इन इंजेक्शन के साइड इफेक्ट की वजह से उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया। इस चुनौती से विचलित हुए बिना हरविंदर ने 2012 में लंदन पैरालिंपिक के दौरान तीरंदाजी में अपना लक्ष्य पाया।
अपनी स्थिति के कारण उत्पन्न शारीरिक सीमाओं के बावजूद, हरविंदर ने इसे अपने चुने हुए विषय में उत्कृष्टता प्राप्त करने की अपनी खोज में बाधा नहीं बनने दिया।