
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि “अगर हम संकल्प लें और एक दिशा में मिलकर आगे बढ़ें, तो हम रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते हुए 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि भारत एक समय आतंकवादी हमलों का निशाना था। उन्होंने सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों के माध्यम से देश की दृढ़ प्रतिक्रिया पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन कार्रवाइयों ने देश के युवाओं में गर्व की भावना पैदा की है। पीएम मोदी ने कहा, “यह वही देश है जहां आतंकवादी आते थे और हम पर हमला करते थे। जब देश के सशस्त्र बल सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं, जब वे हवाई हमले करते हैं, तो देश के युवा गर्व से भर जाते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल के वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति पर भी चिंता व्यक्त की तथा प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के पास अद्वितीय अवसर है और उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए स्वर्णिम युग बताया।
इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह 11वीं बार होगा जब वह लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जिससे वह जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
लाल किले पर दिए गए उनके भाषण के प्रमुख उद्धरण यहां दिए गए हैं:
- हमें गर्व है कि हम उन 40 करोड़ लोगों का खून अपने साथ लेकर चलते हैं, जिन्होंने भारत से औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंका था…आज, हम 140 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प लें और एक साथ एक दिशा में आगे बढ़ें, तो हम रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते हुए 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं।
- लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, सीड कैपिटल बनाना शामिल है
- इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंताएं बढ़ती ही जा रही हैं। अनेक लोगों ने अपने परिवारजनों को खोया है, अपनी सम्पत्ति खोई है, देश को भी नुकसान उठाना पड़ा है। मैं आज उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ और उन्हें विश्वास दिलाता हूँ कि संकट की इस घड़ी में देश उनके साथ खड़ा है।
- कोरोना काल को हम कैसे भूल सकते हैं? हमारे देश ने दुनिया में सबसे तेजी से करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाई। ये वही देश है जहां आतंकवादी आकर हम पर हमला करते थे। जब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है, एयर स्ट्राइक करती है तो देश के युवाओं का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। इसलिए आज देश के 140 करोड़ नागरिक गर्व से भर गए हैं।
- कोरोना काल को हम कैसे भूल सकते हैं? हमारे देश ने दुनिया में सबसे तेजी से करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाई। ये वही देश है जहां आतंकवादी आकर हम पर हमला करते थे। जब हमारे देश की सेनाएं सर्जिकल स्ट्राइक करती हैं, एयर स्ट्राइक करती हैं, तो हमारे देश के युवाओं का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। इसलिए आज देश के 140 करोड़ नागरिक गर्व से भर गए हैं।
- हमें बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई और हमने जमीन पर बड़े सुधार किए…मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं, सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ गुलाबी कागज के संपादकीय तक सीमित नहीं है। सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता कुछ दिनों की सराहना के लिए नहीं है। हमारी सुधार प्रक्रिया किसी मजबूरी के तहत नहीं है, ये देश को मजबूत करने के इरादे से है। इसलिए, मैं कह सकता हूं कि सुधारों का हमारा रास्ता एक तरह से विकास की रूपरेखा है। ये सुधार, ये विकास, ये बदलाव सिर्फ डिबेट क्लबों, बौद्धिक समाजों और विशेषज्ञों के लिए चर्चा का विषय नहीं है। हमने ये राजनीतिक मजबूरियों के लिए नहीं किया…हमारा एक ही संकल्प है – राष्ट्र प्रथम।
- स्पेस सेक्टर एक अहम पहलू है। इस सेक्टर में हमने कई रिफॉर्म किए हैं। आज इस सेक्टर में कई स्टार्टअप्स आ रहे हैं। स्पेस सेक्टर जो जीवंत होता जा रहा है, भारत को ताकतवर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक अहम तत्व है। हम इस सेक्टर को एक दूरगामी सोच के साथ फोकस कर रहे हैं, ताकत दे रहे हैं।
- मेरे देश का युवा अब धीरे-धीरे चलने का इरादा नहीं रखता। मेरे देश का युवा अब धीरे-धीरे चलने में विश्वास नहीं रखता। मेरे देश का युवा अब छलांग लगाने के मूड में है, छलांग लगाने के मूड में है और नए लक्ष्य प्राप्त करने के मूड में है। मैं कहना चाहूँगा कि भारत के लिए ये स्वर्णिम युग है। अगर हम इसकी तुलना वैश्विक स्थिति से करें तो भी ये स्वर्णिम युग है…हमें इस अवसर को बर्बाद नहीं होने देना चाहिए…अगर हम इस अवसर को लेकर, अपने सपनों और संकल्पों के साथ आगे बढ़ेंगे तो हम विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएँगे