जम्मू-कश्मीर में मतदान 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।
जम्मू उत्तर विधानसभा क्षेत्र के प्लौरा में कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करते हुए शाह ने जम्मू जिले की 11 सीटों के भाजपा उम्मीदवारों का परिचय कराया जहां अंतिम चरण में मतदान हो रहा है और कहा, “हमें न केवल उनके विरोधियों को हराना है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि वे अपनी जमानत भी गंवा दें।”
उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और किसी को भी उसकी जीत पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
शाह ने केंद्र शासित प्रदेश में अपने दो दिवसीय चुनाव अभियान के समापन से पहले रैली में कहा, “वह समय चला गया जब कोई और यह तय करता था कि (जम्मू-कश्मीर में) किसकी सरकार बनेगी। अब जम्मू सरकार के गठन का फैसला करेगा।”
भाजपा नेता ने कहा, “मोदी ने आपके साथ हो रहे भेदभाव और अन्याय को समाप्त करके आपका सम्मान बहाल किया… ऐसी सरकार सुनिश्चित करें जो आपके लिए काम करे ताकि आपको भीख का कटोरा लेकर श्रीनगर न जाना पड़े। मोदी के हाथ मजबूत करके यह संभव है।”
उन्होंने रैली में उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं से “पार्टी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लेने” को कहा।
मोदी सरकार के कार्यों को याद करते हुए शाह ने कहा कि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में अकेले जम्मू क्षेत्र के विकास के लिए 32,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा कि 3,000 मेगावाट बिजली पैदा करने, जम्मू-कश्मीर को बिजली के मामले में अधिशेष बनाने तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए 25,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बिजली परियोजनाएं चल रही हैं।
शाह ने कहा कि यह भाजपा ही है जिसने जम्मू क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं और लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा किया है और अपने दावे को मजबूत करने के लिए उन्होंने अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश की घोषणा का उल्लेख किया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “क्या उन लोगों को जीतना चाहिए जिन्होंने महाराजा का अपमान किया और उन्हें निर्वासन में जाने पर मजबूर किया?” एनसी-कांग्रेस गठबंधन “एनसी-कांग्रेस पुरानी व्यवस्था को वापस लाना चाहती है जिसका मतलब है अन्याय, भेदभाव और भ्रष्टाचार।”
उन्होंने उपस्थित लोगों से पूछा, “क्या आप श्रीनगर में शंकराचार्य हिल का नाम बदलकर ‘तख्त-ए-सुलेमान’ रखने से सहमत हैं? यह उनके एजेंडे में है।”
शाह ने कहा, “वह अतीत चला गया जब आपको अपने अधिकारों और विकास के लिए आंदोलन के माध्यम से लड़ना पड़ता था। आपने (2008 का) कई महीनों तक चला अमरनाथ आंदोलन देखा है। मोदी सरकार ने व्यवस्था बदल दी और आपकी सभी मांगें बिना किसी आंदोलन या याचना के पूरी कर दी गईं।”
गृह मंत्री ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा का भी उल्लेख किया और कहा कि इस वर्ष देश भर से 5.12 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बिना किसी भय के इस मंदिर में प्रार्थना की, जिसका श्रेय उन्होंने मोदी सरकार को दिया।