
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “यह निंदनीय है। राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन वह अभी भी दुविधा में है। कानून और व्यवस्था की स्थिति बदतर होती जा रही है। राज्य सरकार सक्षम नहीं है और वह आरोपियों की मदद करना चाहती है।”
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच अपने हाथ में ले ली।
इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सबसे पहले मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ की जानी चाहिए थी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूर्व प्रिंसिपल की नियुक्ति पर सवाल उठाए।
अदालत ने कहा, “नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने वाले प्रिंसिपल को दूसरे सरकारी कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे नियुक्त किया जा सकता है? अदालत ने उन्हें आज दोपहर 3 बजे तक छुट्टी का आवेदन देने को कहा है, अन्यथा अदालत उन्हें पद छोड़ने का आदेश देगी।”
अदालत ने सरकारी वकील से पूछा, “आप उसे क्यों बचा रहे हैं? उसका बयान दर्ज करें। उसे जो कुछ भी पता है, उसे बताने दें।”
पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी। जांच में बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई। मृतक के शरीर पर खरोंच के निशान सहित संघर्ष के निशान दिखाई दिए। परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।