साय ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र से माओवादी हिंसा से प्रभावित पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए अलग से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने पिछली कांग्रेस सरकार पर इस योजना को लागू करने में विफल रहने और 18 लाख से अधिक परिवारों को पक्के मकानों से वंचित करने तथा गरीब लोगों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया।
सीएम साय ने कहा, “पिछली भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पीएमएवाई योजना को लागू करने में निष्क्रिय रही, जिसके कारण 18 लाख परिवारों को इस योजना के तहत घर नहीं मिल पाए। साथ ही, कांग्रेस सरकार इस योजना के तहत राज्य के हिस्से (राजांश) 40 प्रतिशत का वितरण करने में विफल रही, इस मानसिकता के साथ कि इसके तहत किए गए काम का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को जाएगा क्योंकि योजना का नाम पीएम से जोड़ा गया था।”
साय ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के अगले ही दिन और 13 दिसंबर 2023 को हमने शपथ ली, पहली कैबिनेट बैठक में हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थियों को 18 लाख मकान देने की मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यह वादा प्रमुखता से किया था और यह मोदी की गारंटी का हिस्सा था।
प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए साय ने कहा, “केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 8,46,931 घरों के निर्माण को मंजूरी दी है। विधानसभा चुनाव से पहले पिछली कांग्रेस सरकार ने अपनी खुद की आवास योजना शुरू की थी, जिसके तहत उन्होंने 47,090 लाख परिवारों को घर स्वीकृत किए थे। पिछली कांग्रेस सरकार में उन्हें 25,000 रुपये की पहली किस्त दी गई थी और लाभार्थियों को और किस्तें दी जा रही हैं। हमारी सरकार उनमें भेदभाव नहीं करती। हमने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल किया है।”
राज्य सरकार ने नियाद नेल्लनार (आपका अच्छा गांव) योजना शुरू की है, जो सुरक्षा शिविरों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले दूरदराज के गांवों में विकास की जिम्मेदारी रखती है।
साई ने कहा, “हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से माओवादी हिंसा के पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पीएमएवाई के तहत अलग से घर स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है। हमारा इरादा ऐसे लोगों के लिए 10,000 घर बनाने का है।”
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना के तहत किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 24,064 घरों को मंजूरी दी गई है और अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।