
मनु भाकर की अपने शैक्षणिक और खेल करियर के बीच संतुलन बनाने की क्षमता सराहनीय है। उनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ उनकी खेल उपलब्धियों जितनी ही प्रभावशाली हैं। उन्होंने पहली बार 2017 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद केरल में 2017 के राष्ट्रीय खेलों में असाधारण प्रदर्शन किया, जहाँ उन्होंने अनुभवी निशानेबाजों द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नौ स्वर्ण पदक जीते। 16 साल की उम्र में, उन्होंने मैक्सिको के ग्वाडलजारा में 2018 अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF) विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
मनु भाकर की उपलब्धियों की सूची बहुत लंबी है। उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स, 2018 एशियाई खेल, 2018 युवा ओलंपिक और 2019 में ISSF विश्व कप जैसे प्रमुख आयोजनों में पदक जीते हैं। 2020 टोक्यो ओलंपिक में उनकी भागीदारी और 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में भारत के स्वर्ण पदक में उनका योगदान उनके कौशल का प्रमाण है।
2024 में, उन्होंने पेरिस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर अपनी उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जोड़ ली, एक महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में और दूसरा अपने साथी सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में। इन उपलब्धियों ने उन्हें महत्वाकांक्षी एथलीटों और छात्रों के लिए एक आदर्श बना दिया है।
(चित्र: विजया कर्नाटक वेब)